Examine This Report on Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
️ “डर को मत देखो, उसे जीतो।” – स्वामी विवेकानंद
डर पर काबू पाने का सबसे आसान उपाय है कि अपने डर को ज़ाहिर करें। इस बात को समझें कि अगर आपको किसी भी चीज़ से डर लगता है, तो अपने पार्टनर या अपने किसी अच्छी दोस्त से उस बारे में बातचीत करें। ताकि उस समस्या का हल खोजा जा सके। इससे आप मेंटली मज़बूत बनते हैं। जो आपकी सेल्फ ग्रोथ में मददगार भी साबित होता है।
मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, नियमित रूप से ध्यान और योग करे, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है।
आदमी को लगता है की नहीं यार भविष्य की चिंता तो सब करते हैं पर उससे डर थोड़े ही पैदा हो जाता है? लेकिन सच्चाई यही है की जब वो अपने आने वाले समय के बारे में सोचता है की ये कैसे होगा, वो कैसे होगा?
अक्सर देखा जाता है की कई बार शरीर से बलिष्ठ लोग भी डरपोक होते हैं. जबकि हकीक़त में दुसरे लोग उसके शरीर को देख देख कर अन्दर से उनसे डर रहे होते हैं.
उसने तो सदा बस उलटे सीधे ही काम किये हैं. इस प्रकार की सोच उसके मष्तिष्क में एक तरह का भय पैदा करती है की अब आगे जब कोई संकट आएगा तो भगवान् भी मेरी मदद नहीं करेंगे. धीरे धीरे ये डर गहरा होता चला जाता है.
कई बार हम रिश्तों में भी डर के शिकार होते हैं:
अगर आपने गलती की है तो आप उनसे बात करके माफ़ी मांगे. अगर उनकी भी गलती है तो आप उन्हें समझाएं की आपने बहुत गलत किया पर अब मै ये मामला भुलाना चाहता हूँ.
छोटे-छोटे ग्रुप में बोलने की शुरुआत करें
अपने डर को जुनून की भावनाओं के स्रोत में बदल दें: हम जिस चीज से डरते हैं, वह खुशी और जुनून की भावनाओं को भी पैदा कर सकती है। इसलिए, कुछ लोग छुट्टियों में एक्सट्रीम स्पोर्ट्स, हॉरर मूवी और शार्क के साथ में स्विमिंग को पसंद करते हैं। अपने डर को सकारात्मक तरीके से बदलने की कोशिश करें और उस एडवेंचर को स्वीकार करें जो इसमें आपको मिलता है। जब आप डर को ऊर्जा के स्रोत के रूप में देखना शुरू करते हैं, तो आप इसे अपने जीवन में भी शामिल कर सकते हैं।
पोस्ट की शुरुआत में ही हमने आपको बताया था की डर कभी भी आपसे ज्यादा ताकतवर नहीं होता. बस हमें ये चीज़ समझने की जरूरत होती read more है.
मनोचिकित्सा मन और शरीर के संबंध पर आधारित होता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
तो इस तरीके से नकारात्मक विचार आपके डर को और ज्यादा बढाने का काम करते हैं.
आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।